5 Essential Elements For shiv chalisa lyrics in gujarati pdf
5 Essential Elements For shiv chalisa lyrics in gujarati pdf
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
Whosoever features incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with appreciate and devotion, enjoys substance happiness and spiritual bliss During this earth and hereafter ascends into the shiv chalisa lyrics pdf abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminates the suffering of all and grants them eternal bliss.
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
लिङ्गाष्टकम्
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त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।